Jainism

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पुराने काल में इतने ऊँचे मनुष्य धरती पर कैसे समाते थे?

पुराने काल में इतने ऊँचे मनुष्य धरती पर कैसे समाते थे? शंका भगवान आदिनाथ जी की अवगहाना 525 धनुष थी। उस समय धरती पर सब का adjustment कैसे होता था?…

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आगम क्या है? क्या प्राकृत-संस्कृत अपभ्रंश में लिखा साहित्य आगम है?

आगम क्या है? क्या प्राकृत-संस्कृत अपभ्रंश में लिखा साहित्य आगम है? शंका आगम क्या है? क्या एक गाथा आगम है, क्या एक चरण आगम है, क्या एक शास्त्र आगम है,…

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पंचकल्याणक में चौबीसी की स्थापना क्या उचित है?

पंचकल्याणक में चौबीसी की स्थापना क्या उचित है? शंका आजकल जहाँ कहीं भी पंचकल्याणक होता है, वहाँ का जैन समाज चौबीसी भगवान की स्थापना करता है, लेकिन २४ भगवान का…

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उपादान-उपादेय, निमित्त-नैमित्तिक का अर्थ और व्याख्या!

उपादान-उपादेय, निमित्त-नैमित्तिक का अर्थ और व्याख्या! शंका उपादान-उपादेय, निमित्त – नैमित्तिक, अन्तरंग- बहिरंग कारण, वस्तु-स्वभाव धम्मो, इनका अर्थ समझाएँ। समाधान जैन अध्यात्म को समझना है, तो हमें दो-तीन बातों को…

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त्रिलोक और त्रिकाल में धर्म सुखकारी क्यों और कैसे?

त्रिलोक और त्रिकाल में धर्म सुखकारी क्यों और कैसे? शंका त्रिलोक और त्रिकाल में धर्म सुखकारी क्यों और कैसे? समाधान भाई सुख किसको कहते हैं? जो हमेशा साथ रहे, जो…

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