मंगल भावना © (शब्दों के साथ)
https://www.munipramansagar.net/wp-content/themes/munipramansagar/images/empty/thumbnail.jpg 150 150 admin admin https://secure.gravatar.com/avatar/a92f9f606a167f670786558a51779425?s=96&d=mm&r=gमंगल भावना © (Lyrics) रचयिता – मुनि श्री 108 प्रमाणसागर जी महाराज मंगल भावना © मंगल-मंगल होय जगत में, सब मंगलमय होय। इस धरती के हर प्राणी का, मन मंगलमय होय।। कहीं क्लेश का लेश रहे ना, दु:ख कहीं भी होय। मन में चिंता भय न सतावे, रोग-शोक नहीं होय।। नहीं वैर-अभिमान हो मन में,…