प्रमाण सागर जी महाराज आरती
प्रमाण सागर की, गुणआगर की, शुभ मंगल दीप सजाय के आज उतारूँ आरतियाँ – २
सुरेंद्र कुमार श्री सोहनी देवी के गर्भ विषैं गुरु आये- २
नगर हजारीबाग जन्म लिया है, सब जन मंगल गाये -२
गुरूजी सब जन मंगल गाये,
न रागी की न द्वेषी की, शुभ मंगल दीप सजाय के, आज उतारूँ आरतियाँ…..
गुरुवर पाँच महाव्रत धरी, आतम ब्रह्म विहारी – २
खड्गधार शिवपथ पर चलकर, शिथिलाचार निवारी – २
गुरूजी शिथिलाचार निवारी
गृहत्यागी की, वैरागी की, ले दीप सुमन का थाल रे, आज उतारूँ आरतियाँ……
गुरुवार आज नयन से लखकर, आलौकिक सुख पाया -२
भक्तिभाव से आरती करके, फूला नहीं समाया -२
ऐसे मुनिवर को, ऐसे ऋषिवर को, हो वंदन बारम्बार हो, आज उतारूँ आरतियाँ…….