Jainism

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पुद्गल ही करने वाला, पुद्गल ही उसको भोगने वाला, फिर जीव इसमें क्यों बंधा है?

पुद्गल ही करने वाला, पुद्गल ही उसको भोगने वाला, फिर जीव इसमें क्यों बंधा है? शंका शरीर पुद्गल है, कर्म पुद्गल है और कर्म कर्म से बंधा है, कर्म शरीर…

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जैन धर्म में आरती की क्या उपयोगिता है?

जैन धर्म में आरती की क्या उपयोगिता है? शंका जैन धर्म में आरती की क्या उपयोगिता है? समाधान आरती शब्द बहुत प्राचीन है। आरती के लिये प्राचीन शास्त्रों में दो…

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दर्शन मोहनीय बन्ध का कारण और निवारण!

दर्शन मोहनीय बन्ध का कारण और निवारण! शंका दर्शन मोहनीय बन्ध का कारण और निवारण! समाधान नहीं, दर्शन मोहनीय का बन्ध मिथ्यात्व गुणस्थान में ही होता है। दर्शन मोहनीय बन्ध…

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आदिनाथ भगवान के माता-पिता किसकी आराधना करते थे?

आदिनाथ भगवान के माता-पिता किसकी आराधना करते थे? शंका आदिनाथ भगवान के माता-पिता किसकी आराधना करते थे? समाधान देखिये ऐसा नहीं है। आदिनाथ भगवान की उत्पत्ति के पूर्व ही जिनालयों…

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मिथ्यात्व और मोहनीय कर्म किस कारण से होता है?

मिथ्यात्व और मोहनीय कर्म किस कारण से होता है? शंका मिथ्यात्व और मोहनीय कर्म किस कारण से होता है? समाधान मिथ्यात्व मोहनीय कर्म का सबसे बड़ा पावरफुल सदस्य है बल्कि…

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