क्षुल्लक महाराज जी और माता जी बैठकर आहार क्यों लेते हैंॽ

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शंका

क्षुल्लक महाराज जी और माता जी बैठकर आहार क्यों लेते हैंॽ

समाधान

क्षुल्लक महाराज जी और माता जी बैठ कर आहार इसलिए लेते हैं क्योंकि यह आगम का वर्णन है-  खड़े होकर व कर पात्रों में आहार केवल मुनि ही ले सकते हैं। मुनि तथा आर्यिका व क्षुल्लक महाराज में यह अन्तर होता है कि क्षुल्लक तो श्रावक हैं, और आर्यिका उपचार से महाव्रती हैं, किन्तु वे वस्त्र सहित हैं। वस्त्र सहित व्यक्तियों को खड़े होकर आहार करने का आगम का विधान नहीं है। स्थिति-भोजन मुनियों का मूल गुण है, श्रावकों और आर्यिकाओं का नहीं।

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