मुनि श्री 108 प्रमाणसागर जी महाराज आरती

आरती गुरु प्रमाण की…

आरती भ्रम निवारती, संकटों को टालती
आरती गुरु प्रमाण की

श्री गुरु प्रमाण जी! मोक्ष पथ के सारथी!
तव पदों में रमें नित्य मेरी मति
आरती भ्रम निवारती०

जो पिता सुरेंद्र की आँखों के तारे हैं
माता श्री सोहिनी देवी के दुलारे हैं
विद्यासागरार्य के चमकते सितारे हैं
आरती भ्रम निवारती०

सर्व शंकाओं के स्वयं समाधान हैं
प्रणेता श्री गुणायतन,स्वयं गुण निधान हैं
भावना योग जिनका वरदान है
आरती भ्रम निवारती०

मिश्रि घुले मधुरवचन जिनकी पहचान है
वर्तमान वर्धमान, जैन धर्म शान हैं
मोक्षपुरी ले चलें ये वो गगनयान हैं
आरती भ्रम निवारती०

पथ विमूढ़ प्राणियों को राह जो दिखा रहे
सम दर्श ज्ञान चरित निधियाँ जो लुटा रहे
शरण में खड़े प्राणियों को जो जिला रहे
आरती भ्रम निवारती, संकटों को टालती
आरती गुरुप्रमाण की

श्रीगुरु प्रमाण जी! मोक्ष पथ के सारथी!
तव पदों में रमें नित्य मेरी मति
आरती भ्रम निवारती, संकटों को टालती
आरती गुरुप्रमाण की

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