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शास्त्रों एवं जिनवाणी का बहुमान करें!

शास्त्रों एवं जिनवाणी का बहुमान करें! शंका मैं प्रतिदिन मन्दिर जाती हूँ, तब शास्त्र और जिनवाणी जी को व्यवस्थित जमा कर रख कर आती हूँ। लेकिन दूसरे दिन जाती हूँ…

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घर-परिवार, जॉब और धर्म के बीच कैसे सामंजस्य बिठाएँ?

घर-परिवार, जॉब और धर्म के बीच कैसे सामंजस्य बिठाएँ? शंका मेरे पापा जी के तीन प्रतिमाएँ हैं  और हम भी यथासम्भव षट-आवश्यक का पालन करते हैं, ८-९ घंटे ड्यूटी भी…

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जीवन के किसी मोड़ पर दोराहे पर खड़े हों तो फैंसला कैसे करें?

जीवन के किसी मोड़ पर दोराहे पर खड़े हों तो फैंसला कैसे करें? शंका जिंदगी के किसी भी मोड़ पर हमारे सामने दो रास्ते आ जाते हैं और उसमें दोनों…

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प्रेम और मोह में अंतर!

प्रेम और मोह में अंतर! शंका मेरी भावना में हम ये पंक्तियाँ बोलते हैं “फैले प्रेम परस्पर जग में, मोह दूर ही रहा करे”; प्रेम और मोह में क्या अन्तर…

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आघात करने में किसी अपने का ही हाथ क्यों होता है?

आघात करने में किसी अपने का ही हाथ क्यों होता है? शंका जब भी किसी वृक्ष को कुल्हाड़ी से काटा जाता है, तो उस कुल्हाड़ी का पिछला हिस्सा लकड़ी का…

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