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🛕🛕 अवधपुरी, भोपाल🛕🛕
🕉 श्री 1008 श्रीमज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक,
प्रतिष्ठा महामहोत्सव, एवं विश्वशांति महायज्ञ 🕉
🚩 मोक्षकल्याणक के साथ भव्य समापन 🚩
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🏵 पावन सानिध्य 🏵
🕉 संत शिरोमणि आचार्य भगवन 108 श्री विद्यासागर जी मुनिमहाराज 🕉
के परम प्रभावक शिष्य
✴ परम पुज्य मुनिश्री 108 प्रमाणसागर जी महाराज ✴
✴ पुज्य मुनिश्री 108 संधानसागर जी महाराज ससंघ✴
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🔴 कार्यक्रम 🔴
1 जून से 6 फरवरी 2025 तक
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📯 आयोजन स्थल 📯
🟡 अवधपुरी, भोपाल (म.प्र.)🟡
📰 विशेष समाचार
📍 स्थान: अवधपुरी, भोपाल
📆 तिथि: 6 जून 2025
✍ प्रस्तुति: प्रामाणिक संवाददाता
“मोक्षकल्याणक के साथ पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का भव्य समापन
श्री विद्याप्रमाण गुरुकुलम् अवधपुरी में रथयात्रा के साथ बँटा अनिर्वचनीय आनंद”
अवधपुरी (भोपाल) श्री विद्याप्रमाण गुरुकुलम् की पुण्यभूमि पर आयोजित 1008 भगवान आदिनाथ जिनबिंब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव का आज अनिर्वचनीय आध्यात्मिक उल्लास के साथ समापन हुआ। विगत पाँच दिनों से चल रहे इस दिव्य आयोजन का नेतृत्व संतशिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि श्री प्रमाणसागर जी महाराज एवं मुनि श्री संधान सागर जी के स संघ सान्निध्य में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम के समापन दिवस पर मोक्षकल्याणक की दिव्य अनुभूति ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। विद्यावाणी के प्रवक्ता अविनाश जैन ने जानकारी दी कि कार्यक्रम स्थल से समन्वय नगर तक एक भव्य रथयात्रा निकाली गई, जिसमें श्रद्धा और भक्ति का अनुपम संगम देखने को मिला।
यात्रा में सबसे आगे जैन ध्वज, फिर मस्तक पर प्रतिष्ठा प्राप्त भगवान की मूर्ति लेकर चल रहे श्रावक-श्राविकाएँ, और पीछे श्रीजी को विमान में विराजमान कर कांधों पर उठाए हुए श्रद्धालु – यह दृश्य एक दिव्य उत्सव का साक्षात रूप बन गया। सफेद कृत्रिम ऐरावत हाथियों ने इस शोभायात्रा को और भी भव्यता प्रदान की।
“अब हमारा प्रयोजन प्रारंभ हुआ है” — मुनिश्री प्रमाणसागरजी
मुनिश्री ने अपने प्रभावशाली प्रवचन में कहा —
“ यह केवल धार्मिक आयोजन नहीं, सेवा, समर्पण और साधना का प्रेरक केंद्र बन चुका है। अवधपुरी अब पुण्यपुरी बन गई है, जो आत्मोन्नति की परंपरा की वाहक बनेगी ।”उन्होंने कहा कि यद्यपि अभी मोक्ष की प्राप्ति नहीं हुई, लेकिन मोक्षमार्ग का साक्षात्कार अवश्य हो गया है। हर श्रद्धालु को अब संसार के राग को घटाकर आत्मा के अनुराग को बढ़ाना है।
समर्पण भाव की जीवंत मिसाल बनी रथयात्रा
अयोध्या नगर, बायपास, सोनागिरि, पिपलानी, सिद्धार्थ लेक सिटी, बाग सेवनिया, साकेत नगर सहित भेल क्षेत्र के अनेक मंदिरों और श्रद्धालुओं ने इस आयोजन में उत्साहपूर्वक भाग लिया।
आयोजन समिति को मिला मुनिश्री का विशेष आशीर्वाद
मुनिश्री ने इस आयोजन को सफल बनाने वाले सभी कार्यकर्ताओं —
आयोजन समिति अध्यक्ष नरेंद्र टोंग्या, अजय जैनको, सुमनकांत, राजू भाई, राकेश जैन, महावीर सिंघई, सुबोध जैन (नगर निगम), राजेश भारिल्ल सुनील जैन 501 सहित प्रतिष्ठाचार्य अशोक भैया, अभय भैया, पारस भैया एवं उनकी टीम (अमित भैया, पं. सुदर्शन जी, विकर्ष शास्त्री) को विशेष आशीर्वाद प्रदान किया।
संघ संदेश:
यह समापन नहीं, एक नई शुरुआत है मुनिश्री ने अंत में सभी को संबोधित करते हुए कहा —
“ यह आयोजन एक प्रेरणा है, एक पुकार है — मोक्ष की ओर बढ़ने की। यह कार्य अभी प्रारंभ है, अब इसे ऊँचाइयों तक ले जाना है।” श्री विद्याप्रमाण गुरुकुलम् का यह आयोजन न केवल जैन समाज के लिए, बल्कि समग्र मानवता के लिए आध्यात्मिक पुनर्जागरण का प्रकाशस्तंभ बनकर उभरा है।
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➡ 🧘🏻♂भावनायोग🧘🏻♂ ⬅
तन को स्वस्थ-मन को मस्त-आत्मा को पवित्र
बनाने का अभिनव प्रयोग
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