बेटियों का घर कौन सा ?

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बेटियों का घर कौन सा ?
Which one is daughter’s real home?

बेटी का घर कौन सा?

सही मायने में बेटी का घर कौन सा है? बेटी की जब तक शादी नहीं होती तब तक कहा जहा है ये तो ससुराल की है, और जब ससुराल चली जाती है तो कहा जाता है की ये तो परघर की है। तो बेटी आखिर कहां की है?

कन्या का कुल कौन सा?

आधुनिक समाज में अभी भी बेटियों को लेकर हीन भावना है, यह भावना हमारे समाज से बाहर निकालनी चाहिए। बेटियां बेटों से ज्यादा भाग्यशाली हैं। बेटो का एक कुल होता है, इसलिए उन्हें कुल दीपक कहा जाता है। बेटियों को उभयकुल वर्धिनी कन्या कहा जाता है, जो उस देहरी के दीपक की तरह होती है जो भीतर भी प्रकाश देता है और बाहर भी प्रकाश देता है। एक कन्या अपने सुचरित के बल पर अपने पति के घर को कॄतज्ञ करती है और पिता के कुल का गौरव बढ़ाती है | बेटी पिता की भी है, ससुर की भी है और पति की भी है।

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