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🙏 पारसनाथ भगवान मोक्षकल्याणक🙏
📯 निर्वाण लाडू समर्पण 📯
👉 दि. 31 जुलाई 2025 👈
🚩🛕 श्री विद्याप्रमाण गुरुकुलम्, अवधपुरी, भोपाल, म.प्र. 🛕🚩
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🕉 संत शिरोमणि आचार्य भगवन
108 श्री विद्यासागर जी मुनिमहाराज 🕉
के परम प्रभावक शिष्य
✴ पूज्य मुनिश्री 108 प्रमाणसागर जी महाराज,
मुनिश्री 108 संधानसागर जी महाराज ससंघ
के सानिध्य में “स्वर्ण भद्रकूट” की भावनात्मक कल्पना करते हुए
श्रद्धालुओं ने निर्वाण लाडू समर्पित किए।
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📰 आज का विशेष समाचार
📍 स्थान: अवधपुरी, भोपाल
📅 दिनांक: 31 जुलाई 2025
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“मन का संकल्प और इच्छाशक्ति ही बनाती है तुम्हें समर्थ” – मुनि श्री प्रमाणसागर जी
🔶 विद्याप्रमाण गुरुकुलम् में पारसनाथ भगवान के मोक्षकल्याणक पर निर्वाण लाडू समर्पण
पूरे देशभर में जब आज भगवान श्री पारसनाथ स्वामी का मोक्षकल्याणक दिवस हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है, उसी अनुप्रेरणा में अवधपुरी स्थित विद्याप्रमाण गुरुकुलम् में भावनायोग साधना के माध्यम से “स्वर्ण भद्रकूट” की भावनात्मक कल्पना करते हुए श्रद्धालुओं ने निर्वाण लाडू समर्पित किए।
📣 प्रवचन में मुनिश्री का संदेश:
मुनि श्री प्रमाणसागर जी ने कहा – “संकट धर्मियों पर आते हैं, पापियों पर नहीं।”
उन्होंने भगवान श्री पारसनाथ स्वामी के दस भवों की चर्चा करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने हर बार बिना किसी दोष के उपसर्ग सहे, और फिर भी समता को नहीं छोड़ा।
उन्होंने कहा – “समता ही आपकी शक्ति है। किसी के कटु व्यवहार पर प्रतिक्रिया देने की बजाय, क्षमा करने और आत्मविश्लेषण करने की प्रवृत्ति विकसित करें।”
🙏 मुनि श्री ने जीवन के चार संकल्पों पर विशेष बल दिया:
1. सहनशीलता: कोई भी परिस्थिति आए, धैर्य न खोएँ।
2. दुर्वचन पर प्रतिक्रिया न दें।
3. दूसरे की गलती पर क्षमा करें।
4. अपनी गलती हो तो तुरंत क्षमा माँगें।
उन्होंने कहा – “जिसके जीवन में ये चार संकल्प उतर जाते हैं, उसका कायाकल्प हो जाता है। तुम्हें समर्थ कोई दूसरा नहीं बना सकता — तुम्हारे मन का संकल्प और इच्छाशक्ति ही तुम्हारी असली ताकत है।”
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➡️ 🧘🏻♂️भावना योग🧘🏻♂️ ⬅️
तन को स्वस्थ – मन को मस्त – आत्मा को पवित्र
बनाने का अभिनव प्रयोग



















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