Posts By :

admin

261 261 admin

ललक अपने में लीन होने की

ललक अपने में लीन होने की शिष्य ने गुरु से पूछा कि इतना धर्म सुनने के बाद भी धर्म के प्रति हमारा लगाव क्यों नहीं बन पाता? गुरु ने उत्तर…

read more
261 261 admin

कैसी हो रुचि?

कैसी हो रुचि? आज बात ‘र’ की है। ‘क’ से ‘य ‘तक आपने काफी रस लिया और मैं देख रहा हूँ कि आप सबने बड़ी रुचि पूर्वक सुना। आज मैं…

read more
261 261 admin

अपनी योग्यता को कैसे संवारे

अपनी योग्यता को कैसे संवारे नदी के किनारे, एक पत्थर लगा। सैलानी उस पर बैठकर नदी की धार के साथ अठखेलियाँ खेलते, तो कभी धोबी उसी पत्थर पर कपडा फींचा…

read more
261 261 admin

मातृत्व रखे, ममत्व नहीं!

मातृत्व रखे, ममत्व नहीं! अभी बात माँ की, की गई। हम सबके जीवन का सबसे पहला रिश्ता माँ से जुड़ता है। बाकी सारे रिश्ते जन्म लेने के बाद से होते…

read more
261 261 admin

भाव ही हमें चढ़ाते हैं, भाव ही गिराते हैं

भाव ही हमें चढ़ाते हैं, भाव ही गिराते हैं पुत्र पिता के पास प्रसन्नचित होकर आया और पिता से कहा- पिताजी आज हमने एक बड़ा सौदा किया है, भारी मात्रा…

read more