क्या है वास्तविक सुख?
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क्या है वास्तविक सुख? What is real Happiness? मनुष्य जब तक उत्पत्ति-विनाशशील सुख में फँसा रहता है, तब तक उसको होश नहीं होता, ज्ञान नहीं होता। उसको यह विचार ही नहीं होता कि इससे कितने दिन काम चलायेंगे ! जो उत्पन्न होता है, वह नष्ट होता ही है। जिसका संयोग होता है, उसका वियोग होता…

वक्त बदलने पर स्वयं को मत बदलो
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वक्त बदलने पर स्वयं को मत बदलो Time changes, don’t change yourself समय एक ऐसे घोड़े का नाम है जिस पर दुनिया का प्रत्येक व्यक्ति सवारी कर रहा है।समय कभी स्थिर नहीं रहता।समय के साथ परिस्तिथियों में बदलाव आते हैं पर ऐसे में हमें खुद को नहीं बदलना चाहिए। सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा…

धर्म का मार्ग कठिन क्यों लगता है?
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धर्म का मार्ग कठिन क्यों लगता है? Why does religious path looks so difficult? धर्म का गंभीर स्वरूप समझना कठिन होता है। इसलिए धर्म मार्ग पर चलना कठिन है। धर्म हमारे आचरण व्यवहार में आना चाहिए। अगर मनुष्य मान,मोह,लोभ को छोड़ दे तो धर्ममार्ग पर चल सकता है। सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा धर्म…

आधुनिकता में गलत रास्ते पर जाने से कैसे बचें?
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आधुनिकता में गलत रास्ते पर जाने से कैसे बचें? how to avoid going on WRONG PATH? आधुनिकता के इस दौर में मॉडर्न कल्चर युवाओं पर इतना हावी हो गया है कि वे में रातों-रात सफलता पाना चाहते हैं। जल्द से जल्द सफल होने की महत्वाकांक्षा के चलते युवा गलत रास्ते पर जा रहे हैं। सुनिए…

धर्म जीवन का सुरक्षाकवच
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धर्म जीवन का सुरक्षाकवच DHARMA:Life’s armour धर्म शब्द का वास्तविक अर्थ है वे नियम जिन पर चलने से समाज में नैतिकता व मानवता बनी रहे। धर्म है एक सुरक्षा कवच – मनुष्य नाम का प्राणी अनेक प्रकार की विभीषिकाओं के बीच खड़ा है। सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा धर्म जीवन का सुरक्षाकवच । Share

नरक से बचना है तो पाप से डरो
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नरक से बचना है तो पाप से डरो Fear of SIN prevents from HELL. मनुष्य अपने जीवन काल में कई तरह के कर्म करता है जिससे उसका नर्क या स्वर्ग जाना तय होता है। अगर नर्क जाने से बचना है तो अपने पापों पर अंकुश लगाना पड़ेगा।सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा नरक से बचना…

पाप कषाय से बचने के उपाय
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पाप कषाय से बचने के उपाय Different ways to prevent from commiting a SIN “पाप प्रायः तीन प्रकार के होते हैं। मन से दूसरे का अहित सोचना, वचन से दूसरे के प्रति कुशब्दों का उच्चारण कर देना तथा शरीर से दूसरे को किसी प्रकार की हानि पहुँचा देना। पाप किसी प्रकार का हो, अपने मन…

नारी जीवन का लक्ष्य
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नारी जीवन का लक्ष्य What should be the aim of women’s life? प्रत्येक नारी के जीवन का कोई न कोई लक्ष्य होना चाहिए । लक्ष्यहीन जीवन बीना पतवार की नौका के समान होते हैं । सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा नारी जीवन का लक्ष्य। Share

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