उत्तम त्याग
उत्तम त्याग आज बात ‘त्याग’ की हैं और त्याग के दो रूप हैं एक सर्वस्व और दूसरा अंश। जो सर्वस्व को त्यागता हैं, वह साधु होता हैं, साधुता हमारे भीतर…
read moreउत्तम त्याग आज बात ‘त्याग’ की हैं और त्याग के दो रूप हैं एक सर्वस्व और दूसरा अंश। जो सर्वस्व को त्यागता हैं, वह साधु होता हैं, साधुता हमारे भीतर…
read moreउत्तम संयम आज बात ‘संयम’ की हैं, जब कभी भी संयम की बात आती हैं, संयमी व्यक्ति की बात आती हैं, हमारे सामने एक ऐसे व्यक्ति की छवि झूलने लगती…
read moreउत्तम सत्य एक राजा रात सपने में देखा कि अचानक अपरिचक्र का आक्रमण हो गया हैं। अपरिचक्र के इस अप्रत्याशित आक्रमण से वह अपने आप को बचा नहीं सका। उसे…
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