उत्तम त्याग

उत्तम त्याग  आज बात ‘त्याग’ की हैं और त्याग के दो रूप हैं एक सर्वस्व और दूसरा अंश। जो सर्वस्व को त्यागता हैं, वह साधु होता हैं, साधुता हमारे भीतर…

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उत्तम तप

उत्तम तप  पानी मिट्टी को गला देता हैं, बहा देता हैं लेकिन वही मिट्टी जब मंगल कलश के रूप में परिवर्तित हो जाती हैं, आंच में पककर के घड़े का…

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 उत्तम संयम

 उत्तम संयम   आज बात ‘संयम’ की हैं, जब कभी भी संयम की बात आती हैं, संयमी व्यक्ति की बात आती हैं, हमारे सामने एक ऐसे व्यक्ति की छवि झूलने लगती…

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उत्तम शौच

उत्तम शौच   एक जिज्ञासु भक्त, भगवान के चरणों में प्रार्थना कर रहा था, उसकी पुकार सुनकर आकाश से वाणी गूँजी। वत्स! तुम क्या चाहते हो, तुम क्या चाहते हो? जैसे…

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 उत्तम सत्य

उत्तम सत्य   एक राजा रात सपने में देखा कि अचानक अपरिचक्र का आक्रमण हो गया हैं। अपरिचक्र के इस अप्रत्याशित आक्रमण से वह अपने आप को बचा नहीं सका। उसे…

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