कैसी हो रुचि?
कैसी हो रुचि? आज बात ‘र’ की है। ‘क’ से ‘य ‘तक आपने काफी रस लिया और मैं देख रहा हूँ कि आप सबने बड़ी रुचि पूर्वक सुना। आज मैं…
read moreकैसी हो रुचि? आज बात ‘र’ की है। ‘क’ से ‘य ‘तक आपने काफी रस लिया और मैं देख रहा हूँ कि आप सबने बड़ी रुचि पूर्वक सुना। आज मैं…
read moreअपनी योग्यता को कैसे संवारे नदी के किनारे, एक पत्थर लगा। सैलानी उस पर बैठकर नदी की धार के साथ अठखेलियाँ खेलते, तो कभी धोबी उसी पत्थर पर कपडा फींचा…
read moreक्यों डरें पाप करने से? एक व्यक्ति ने अपने घर के आंगन में बबूल का पेड़ बोया, रात-दिन वह उसे सींचता, खाद-पानी देता, चौबीस घंटे उसमें रमा रहता। उसकी इस…
read moreनये देश की परिकल्पना आज का दिन आप सबके लिए आजादी का दिन है। आज सुबह से ही सबके मन में एक अलग प्रकार का जोश और जुनून है। इस…
read moreडमरू बजाओ डर भगाओ आज जब अभी ऊपर बैठा था, पंडित सुदर्शन जी ने कहा था, महाराज! आज ‘ड’ पर हैं, वो थोड़े घबराए हुए थे कि महाराज आज ‘ड’…
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