अहं से ही अहंकार
अहंकार – झुकोगे तो मजबूत बनोगे, अकड़ोगे तो टूट जाओगे। – अहं क्या है? अपने आपको सच्चा और अपने आपको अच्छा मानने की वृत्ति। अपने ही विषय में सोचने की…
read moreअहंकार – झुकोगे तो मजबूत बनोगे, अकड़ोगे तो टूट जाओगे। – अहं क्या है? अपने आपको सच्चा और अपने आपको अच्छा मानने की वृत्ति। अपने ही विषय में सोचने की…
read moreक्या है दशलक्षण पर्व? दशलक्षण पर्व जैनों का सबसे महत्वपूर्ण एवं महान पर्व है। दशलक्षण पर्व हम लोक युगारंभ के उद्देश्य से मनाते हैं। जब पंचमकाल के बाद इस सृष्टि…
read more(1) ऋषभदेव और शिव कौन थे : *ऋषभदेव:- जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव थे जिनके माता पिता जैन धर्म के अंतिम कुलकर राजा नाभिराय थे | भगवान ऋषभदेव का विवाह…
read moreस्त्रियों के लिए पुनर्विवाह का निषेध क्यों? दिगम्बर जैन मतानुसार स्त्री जिस पुरुष के साथ एक बार विवाह के बंधन में बंध जाती है, उसी पुरुष को अपना सर्वस्व देती…
read moreगर्भपात एक बहुत क्रूर कर्म है, इसे कराने की बात तो दूर सोचना भी नही चाहिए। गर्भपात एक जीते-जागते जीव की हत्या है अपने ही कलेजे के टुकड़े की हत्या…
read more