उन्नत मानसः उन्नत जीवन शांतम तुष्टम पवित्रं च सानंदनम इति तत्वतः। जीवनम् जीवनम् प्राहो भारतीय सुसंस्कृतम्।। कल जिस कारिका से मैंने अपनी बात की शुरुआत की थी। भारतीय संस्कृति में…
दृष्टि में मर्म जीवन में धर्म बीज की सार्थकता वृक्ष के रूप में विकसित होकर फलवान बनने में हैं। बीज धरती के गर्भ में समाहित होकर अंकुरित होता है, पल्लवित…