शंका
जब तीर्थंकर भगवान को बालक अवस्था में सुमेरु पर्वत पर अभिषेक के लिए ले जाते हैं तो वहाँ पर सभी १००८ कलशों से भगवान का अभिषेक कर सकते हैं तो यहाँ पर अगर प्रतिमा में अभिषेक ज़्यादा जल से कर दें या बार-बार अभिषेक करें तो उससे क्या फर्क पड़ता है?
समाधान
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। वहाँ पर भगवान के अभिषेक के बाद गंदोधक को सिराने की जरूरत नहीं पड़ती, यहाँ पर गंदोधक को सिराने की व्यवस्था देखनी पड़ती है। भगवान के गन्धोधक का अविनय न हो इसलिए कम जल से अभिषेक करते हैं।
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