शंका
हम मन्दिर में प्रातः घन्टा बजाते हैं, सायंकाल में क्यों नहीं?
विधि जैन
समाधान
रात में पक्षी अपने घर अर्थात घोंसले में चले जाते हैं और जब हम घंटा अथवा कोई तीव्र ध्वनि उत्पन्न करते हैं तब उनकी निद्रा में उल्लंघन होता है, उनको वेदना उत्पन्न होती है। हमारा जैन धर्म हर छोटे से छोटे प्राणी के हितों की रक्षा की प्रेरणा देता है।इसलिए हमें ऐसा नहीं करना चाहिए।
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