शंका
सम्यग्दर्शन के 8 अंगों में से एक नि:शंकित अंग में बताया गया है कि हमें देव शास्त्र गुरु पर शंका नहीं करना चाहिए, सच्चा श्रद्धान कर उनका अनुसरण करना चाहिए। लेकिन जैन धर्म को परीक्षा प्रधानी धर्म क्यों कहा गया है?
समाधान
मूलभूत तत्त्व में कोई भी शंका नहीं करना चाहिये। श्रद्धान करने से पहले परीक्षा करो, परन्तु परीक्षा करने के बाद श्रद्धान करो, शंका नहीं।
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