जैन धर्म में शहद खाना पाप क्यों बताया गया है?

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शंका

जैन धर्म में शहद खाना पाप क्यों बताया गया है?

समाधान

शहद मधुमक्खियों की उगाल है, क्या किसी की उगाल खाना ठीक है? इसके अतिरिक्त शहद पाने के लिए मधुमक्खियों के छत्ते को तोड़ना पड़ता है। क्या किसी का घर उजाड़ना अच्छी बात है? शहद के अन्दर germs (कीटाणु) होते हैं। कुछ लोग आज कल अहिंसक शहद, जो मधुमक्खियों को उड़ाने के बाद निकाला जाता है, उसको खाने की सलाह देते हैं। शहद तो शहद है। उसे चाहें ऐसे खाएँ, चाहें वैसे खाएँ। शहद तो मधुमक्खियों की उगाल है और उसके अन्दर भी सूक्ष्म germs (छोटे किटाणु) होते हैं। सो कभी खाने लायक नहीं है “शास्त्रों में ऐसा लिखा है कि एक बूंद शहद खाने में सात गाँव जलाने का पाप लगता है।”

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