शंका
छत्तीस बार णमोकार मंत्र क्यों पढ़ते हैं?
समाधान
णमोकार मंत्र हम लोग पूरे दिन के दोषों के प्रायश्चित्तार्थ कायोत्सर्ग के रूप में पढ़ते हैं। जब हमें २७ उच्छ्वास का कायोत्सर्ग करना होता है, तो नौ बार पढ़ते हैं। जब ५४ उच्छ्वास का करना पड़ता है, तो हम लोग १८ बार करते हैं और १०८ उच्छवास करना होता है, तो ३६ बार करते हैं। इस प्रकार की ये व्यवस्था है।
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