भगवान की प्रतिमा की परिक्रमा लगाते समय पीछे सिर क्यों टेकते हैं?

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शंका

जब हम लोग भगवान की प्रतिमा की परिक्रमा लगाते हैं, तो उसके पीछे सिर क्यों टेकते हैं?

समाधान

भगवान की प्रतिमा के पीछे सिर क्यों टेकते हैं? अरे! भगवान को प्रणाम तो सामने से किया जाता है, पीछे से प्रणाम करने की कोई परम्परा नहीं है। पर इसके पीछे मुझे एक कारण दिखता है कि भगवान की वेदी को शुद्ध वस्त्रों में ही लोग छूते थे, महिलाएँ भगवान की वेदी को छूती नहीं थीं। तो मुझे ऐसा लगता है कि लोग जब परिक्रमा लगाते हैं तो सोचते होंगे कि ‘कोई नहीं देख रहा है, चलो पीछे से ही छू लो’, सो परिपाटी बन गई। 

ये मन के भाव हैं, वो कराते हैं। शायद यही कारण होगा? प्रायः देश भर के सभी जिन मन्दिरों में वेदी के पीछे की मार्बल बिल्कुल काली पड़ जाती है। भैया! आप पाप धोते हो या अपने पाप भगवान को लगाते हो, यही समझ में नहीं आता? पाप कितना धोया? मुझे ये पता नहीं लेकिन तुम अपने हाथ की कालिख तो वेदी पर लगा ही देते हो। मेरे विचार से ये उचित नहीं है।

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