शंका
ओम (ॐ) शब्द का उच्चारण क्यों करते हैं?
समाधान
ओम (ॐ) शब्द बहुत महत्त्वपूर्ण है। यह प्रणवनाद कहलाता है। ओम पंच परमेष्ठी का द्योतक है। इसमें अरिहंत का अ, सिद्ध (अशरीरी) का अ, आचार्य का आ, उपाध्याय का उ और साधु (मुनि) का म के संयोग से ओम बनता है।
ओम में तीन लोक गर्भित है। अधोलोक का अ, उध्वलोक का उ और मध्यलोक का म को मिलाने से ओम बनता है। भगवान की ध्वनि ओमकारात्मक होती है, जिससे द्वादशांग की रचना होती है। सबका सार ओम है, इसलिए हमेशा ओमकार का ध्यान करना चाहिए, इससे पाप का क्षय होता है।
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