शंका
बीस तीर्थंकरों ने श्री सम्मेद शिखर को ही तप के लिए क्यों चुना?
समाधान
ज़रूर यहाँ का कोई ना कोई प्रभाव है। यहाँ का cosmic power ऐसा होगा की तीर्थंकरों के चरण अपने आप ही खिंचे चले आते होंगे क्योंकि तीर्थंकर भगवान की कोई भी क्रिया या किसी भी केवली की कोई भी क्रिया बुद्धि पूर्वक नहीं होती, वह सब अनिच्छा पूर्वक होती है। तो इस धरती का ऐसा पुण्य और प्रताप होगा, यहाँ का ऐसा आकर्षण होगा की वह स्वयं खिंचे चले आते होंगे।
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