शंका
गुणस्थान चौदह क्यों हैं, चौदह से कम और चौदह से ज्यादा क्यों नहीं हैं?
समाधान
ये ऐसा प्रश्न है कि ‘हमारी आँखें दो ही क्यों हैं, दो से ज्यादा क्यों नहीं हैं?’ चौदह में ही सब समा जाते हैं, पन्द्रहवें की ज़रूरत ही नहीं पड़ती है, इसलिए चौदह ही हैं। चौदह गुणस्थान हैं, चौदह मार्गणा स्थान हैं, चौदह जीव समास हैं, चौदह में ही सारा संसार है। मुझे एक बात और समझ में आती है, इस संसार का विस्तार भी चौदह राजु है। तो चौदह राजु उत्तुंग संसार से पार उतरने के लिए चौदह गुणस्थान में ही सब समाहित हो जाते हैं, पन्द्रहवें में पार हो जाते है फिर कुछ बचता ही नहीं है।
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