२४ तीर्थंकरों में आदिनाथ भगवान, पारसनाथ भगवान और चंदाप्रभु भगवान अधिक क्यों दिखते हैं?
२४ तीर्थंकरों में आदिनाथ भगवान, पारसनाथ भगवान और चंदाप्रभु भगवान की प्रतिमाएँ ज़्यादा क्यों मिलती है? शांतिनाथ को भूल गए? वो भी बहुत मिलते हैं ऐसा क्यों मिलता है? योग है, आदिनाथ भगवान प्रथम तीर्थंकर हुए इसलिए आदिनाथ भगवान की प्रतिमाएँ बहुत स्थापित हुईं। पारसनाथ भगवान ने बहुत उपसर्ग सहे और विघ्नहर्ता के रूप में प्रसिद्ध हो गए इसलिए पारसनाथ भगवान की प्रतिमाओं का चलन ज़्यादा हो गया। इसी तरह शांतिनाथ भगवान के साथ ‘शांति के विधाता’ शब्द जुड़ गया और उनके साथ शांति जुड़ा, सबको शांति चाहिए तो लोगों ने शांतिनाथ भगवान को विराजमान किया। चंदाप्रभु भगवान् आठवें तीर्थंकर हैं और ८ के चक्कर में सारा संसार फँसा हुआ है, इन ८ कर्म से बचने के लिए, ८ गुण को पाने के लिए आठवें भगवान को लोग ज़्यादा मनाने लगे; वैसे सब भगवान बराबर हैं।
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