शंका
जब भी कहीं हवन होता है, तो वहाँ पर ३ ही प्रकार के हवन (कुंड) होते हैं- गोल (circle) , वर्गाकार (square) और त्रिभुजाकार (triangle) ऐसा क्यूँ?
समाधान
यह हमारे शास्त्रों में बताया है। यह तीन प्रकार की अग्नि का द्योतक है। एक तीर्थंकर कुंड, एक गणधर कुंड और एक केवली कुंड। इसका बहुत महत्त्व है। त्रिकोण जो होता है वह तीर्थंकर कुंड होता है, गोल वाला गणधर कुंड होता है और जो चौकोर होता है वह केवली का प्रतीक है। ऐसा कहा जाता है कि इन ३ कुंडों की साक्षी में अनुष्ठान करने वाले के सारे अशुभ-अमंगल का निवारण हो जाता है। इसलिए ३ कुंड बनाए जाते हैं।
Leave a Reply