शंका
देवताओं का मरण होता है, फिर भी भक्तामर स्तोत्र आदि में देवताओं के लिए अमर शब्द का प्रयोग क्यों किया गया हैं?
समाधान
देवताओं को अमर और मनुष्य को मर्त्य कहा जाता है क्यों? मै आपके इस प्रश्न में एक प्रश्न और जोड़ देता हूँ, देवताओं को अमर और मनुष्य को मर्त्य इसलिए कहा जाता है क्योंकि आदमी रोज मरता रहता है “मृयते इति मर्त्य”, जो मरता रहे वो मर्त्य ओर देवताओं को अमर इसलिए कहते है क्योंकि उनकी उम्र लम्बी होती है, वो बहुत देर से मरते हैं। किन्तु संसार में अमर कोई नहीं; अमर एक ही है, वह है भगवान, सिद्ध परमेष्ठी! बाकी सब मरने वाले है।
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