क्या करें जिससे हमारा जैन धर्म में जन्म लेना सार्थक हो जाए?

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शंका

क्या करें जिससे हमारा जैन धर्म में जन्म लेना सार्थक हो जाए?

समाधान

दो शब्द हैं- एक योग है; और एक प्रयोग है। योग मिलना बहुत दुर्लभ है लेकिन केवल योग मिलने से हमारा काम नहीं होता जब तक कि हम उसका सही प्रयोग ना करें। 

किसी को गोल्डन चांस मिले और उस गोल्डन चांस को वह एक अचीवमेंट में परिवर्तित ना करे तो उसके लिए चांस निरर्थक है। जैन कुल में जन्म मिलना, अच्छी बुद्धि मिलना महापुण्य के योग से ही संभव है, तो योग मिला है इसका सही प्रयोग करो और प्रयोग करने का एक ही रास्ता है, जैन धर्म के बताए हुए रास्ते पर चलो, जैन कुलोचित कर्तव्यों का पालन करो। अभी तो जैन बने हो, भविष्य में जिन बनने का भी सौभाग्य प्राप्त करो।

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