अनुष्ठान में बैठे हुए जाप्यार्थी क्या न करें!

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शंका

अनुष्ठान में बैठे हुए जाप्यार्थी क्या न करें!

समाधान

अनुष्ठान में जितने लोगों का सकलीकरण हुआ है वे ऐसे किसी अशुद्ध कार्य में न जाएँ अन्यथा आपकी शुद्धि खंडित हो जाएगी। यदि कोई बीमार है, तो कह दीजिए, ‘हम हॉस्पिटल देखने नहीं जा रहे हैं, उनके स्वास्थ्य की कामना से जाप कर रहे हैं’।

आज एक बहन जी दिल्ली के लिए निकल रही थीं। बोली- ‘महाराज जी! हमने संकल्प तो लिया है लेकिन बहुत अर्जेंट काम आ गया’। हम बोले-‘क्या काम आ गया? कोई बहुत अर्जेंसी आ गयी?’ ‘हाँ, एक आदमी बीमार है हॉस्पिटल में भर्ती है।’ हमने बोला-‘तुम जाकर इलाज करोगी क्या?’ ‘नहीं महाराज! देखने जाना है’। ‘तो तुम देखने जाओगी तो वह बच जाएगा इसकी गारंटी है क्या?’ अरे! वहाँ भागने के लिए अपना अनुष्ठान छोड़ने से अच्छा, यहाँ अनुष्ठान में बैठो और उसके लिए मंगल भावना भाओ, हो सकता है तुम्हारे इसी अनुष्ठान से उसका कल्याण हो जाये।

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