आध्यात्म में कौन सा रहस्य छुपा है?

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शंका

अध्यात्म का ऐसा कौन सा रहस्य है जिसे जानने से व्यक्ति राग, द्वेष, मोह, माया आदि को जीत सकता है? प्राचीन ग्रन्थ ‘समयसार’ में ऐसा कौन सा रहस्य छुपा है जिससे जीव परम शांति को प्राप्त कर सकता है?

समाधान

हमारे जीवन में एक वरदान है और एक अभिशाप। ज्ञान वरदान है, अज्ञान अभिशाप। हर प्राणी संसार का अज्ञान में जीता है इसलिए उसका जीवन अभिशप्त है। वो अज्ञान हमें भ्रमित करता है। हमारे जीवन में जो दुःख है वो हमारे अज्ञान के कारण, वो हमारे भ्रम के कारण है। 

जैसे -एक आदमी सो रहा हो, नींद में हो और देखता क्या है, उसके मकान में आग लग गई। आग ऐसी लगी कि पूरा का पूरा घर आग के आगोश में; लपटे आसमान को छू रही हैं। आग बढ़ते-बढ़ते उसके कक्ष तक आ गई, दरवाजे के पर्दे जलने लगे हैं, दरवाजे जलने लगे हैं, आँच बिस्तर तक आ गई और वो आदमी एकाएक चीख उठा है। मैं आपसे सवाल करता हूँ- उस आग को बुझाने के लिए कितने बाल्टी पानी की जरूरत होगी? एक बून्द की भी नहीं। क्या करना है? कुछ नहीं करना उस आदमी को झकझोर कर जगा देने की जरूरत है। उसके जागते ही आग बुझ जाएगी। क्यों? आग सपने की थी। लेकिन जब तक नींद में था तब तक उसे लग रहा था कि आग लग गई। जब उसने आँखें खोली, यथार्थ देखा, ज्ञान हो गया- ‘अरे! यहाँ तो आग जैसा कुछ है ही नहीं, शांत।’ ऐसे ही संसार के जितने भी प्राणी हैं वे सब के सब अज्ञान में जी रहे हैं और उस अज्ञान के कारण ही अपने आपको दुखी महसूस कर रहे हैं। 

अध्यात्म हमारे अज्ञान का निवारण करता है, हमारे चित में ज्ञान की प्रतिष्ठा करता है, जीवन को यथार्थ दृष्टि से देखने की क्षमता देता है। और जिस मनुष्य के अन्दर ऐसी यथार्थ दृष्टि जग जाती है वो दुःख से मुक्त हो जाता है, सुख को प्राप्त कर लेता है। समयसार उसकी ही कुंजी है।

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