शंका
तेरहवें गुणस्थान में किस प्रकार का ध्यान होता है?
समाधान
केवल ज्ञान के बाद ज्ञान होता है, ध्यान नहीं और जो तीसरा और चौथा शुक्ल ध्यान है, उसे भी औपचारिक रूप से ध्यान कहा है क्योंकि “एकाग्र चिन्ता निरोधो ध्यानम” ऐसा कहा है और जिनका चित्त ही खत्म हो गया तो चिन्ता कहाँ रहेगी। इसलिए वहाँ ज्ञान है, ध्यान नहीं। सिद्धों में जो ध्यान है या नीचे की भूमिका में ध्यान है, उसे दूसरे अर्थ में लिया जा सकता है स्थिर ज्ञान का नाम ध्यान है। केवली का ज्ञान सदैव स्थिर रहता है, इसलिए २४ घंटे वो ध्यान है। ध्यानातीत कोई जीव नहीं होता, संसार में कथनचित कह सकते है वो औपचारिक ध्यान होता है।
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