शंका
ब्रह्मचर्य और उपवास दोनों का शाब्दिक अर्थ क्या है और दोनों में क्या समानता है?
समाधान
ब्रहम यानि आत्मा! आत्मा की उपलब्धि के लिए किये जाने वाला आचरण का नाम ब्रह्मचर्य है। हम जो भी आत्मा की उपलब्धि के लिए अपना आचरण करते हैं, वह सब ब्रह्मचर्य की श्रेणी में आता है।
उपवास का मतलब होता है, उप यानि निकट, वास यानि बसना! अपनी आत्मा के निकट आना। आत्मा से निकटता। इस अर्थ में अगर विचार करें तो ब्रह्मचर्य और उपवास दोनों एक दूसरे के पर्यायवाची शब्द कह दें तो कोई दिक्कत नहीं। क्योंकि ब्रह्मचर्य का मतलब केवल यौन सदाचार का पालन ही नहीं है। ब्रह्मचर्य आत्म-उपलब्धि के लिए किया जाने वाला हर आचरण है और हर उस आचरण के साथ चलने वाले को हम ब्रह्मचारी की संज्ञा दे सकते हैं, जिससे हमारी आत्मा की निकटता मिलती हो।
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