शंका
महाराष्ट्र के मदिरों की मूर्तियाँ बहुत बड़ी-बड़ी हैं और उनके सामने अष्टमंगल भी उतने ही बड़े-बड़े रखे गएँ हैं। वहाँ के लोग जब कलश करते है, तो उन अष्ट मंगलों को उठा कर भगवान के सामने हिलाते हैं, तो इसका क्या तात्पर्य है?
समाधान
अष्टमंगल भगवान के समवसरण में होता है, भगवान के विहार में भी होता है, देवियाँ अष्टमंगल द्रव्य ले कर के चलती हैं। ये माँगलिक प्रतीक है, हिलाने का कोई औचित्य नहीं दिखता, वहाँ रखा जा सकता है। कहीं की परिपाटी बन गई हो तो मैं नहीं कह सकता।
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