शंका
पंचपर्वी व्रत की विधि क्या है और उसे कैसे करना चाहिए?
समाधान
दूज, पंचमी, एकादशी और चतुदर्शी को उपवास करना होता है। पंचपर्वी व्रत में, जिसमें दूज के दो, पंचमी के पाँच, अष्टमी के आठ, एकादशी के ग्यारह और चतुर्दशी के चौदह उपवास होते है। कुल चालीस उपवास होते हैं। और पाँचों दिन के अलग-अलग इसके जाप हैं। जाप पंच बालयती की पूजा करने की बात है। जिनको भी व्रतों के विषय में जानकारी लेनी है; ब्रह्मचारी जय निशांत की एक कृति है ‘व्रत वैभव’, उसे मँगा ले, आज के जितने ४००-५०० व्रत हैं उन सब व्रतों का सम्पूर्ण विवरण उसमें है। उससे प्राप्त कर सकते हैं।
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