शराब का आनंदपूर्वक भोग करने वाले व्यक्ति का कौन सा कर्मोदय है?

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शंका

एक व्यक्ति शराब पी रहा है और उसमें आनन्द की अनुभूति कर रहा है। इसे उसकी साता वेदनीय कर्म का उदय मानें या असाता वेदनीय का?

दीपक, सांगानेर

समाधान

साता वेदनीय या असाता वेदनीय अपनी जगह हैं, यह तो उसका मोहनीय कर्म का उदय है, जो दुःख में भी सुख मॉंग रहा है।

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