शंका
कषाय और पाप में क्या अंतर है?
समाधान
कषाय वो है जो हमारे भीतर हैं और पाप वो जो बाहर हैं। पाप प्रकट होता है, कषाय भीतर छिपी रहती है; कषाय से ही प्रेरित होकर के पाप किया जाता है। पाप कषाय का एक प्रकट रूप है, हमें कषाय का शमन करना चाहिए, पाप का शमन अपने आप हो जायेगा।
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