भाव लिंगी और द्रव्य लिंगी मुनि में क्या अन्तर है?

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शंका

भाव लिंगी और द्रव्य लिंगी मुनि में क्या अन्तर है?

समाधान

भाव लिंगी और द्रव्य लिंगी मुनि की बाहर से कोई पहचान नहीं होती है। भाव मुनि वे मुनि हैं, जो मुनि होकर अन्दर से भी मुनि हैं। जिनके कर्मों का क्षय-उपशम हो वो भाव लिंगी है। छठे, सप्तम गुणस्थान वर्ती निर्दोष चर्या के धारी मुनिराज भाव लिंगी है। 

छठे, सातवें गुणस्थान से नीचे आने वाले सम्यक् दृष्टि ही क्यों न हो, क्षायिक सम्यक् दृष्टि भी क्यों न हो, पंचम गुणस्थानवर्ती मुनि, द्रव्यलिंगी है। द्रव्यलिंगी का मतलब केवल मिथ्यादृष्टि मत समझना। छठे गुणस्थान से नीचे जो आ गये, वे सब द्रव्यलिंगी है ऐसा आचार्य वीरसेन का कथन है।

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