ईर्ष्या से क्या नुकसान होता है?

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शंका

कोई व्यक्ति ईर्ष्या वश किसी दूसरे व्यक्ति को कोसता है, अप शब्द बोलता है, तो क्या दूसरे व्यक्ति को उसके नकारात्मक शब्द लगते हैं? कितने समय बाद उसका असर दिखता है?

समाधान

यदि कोई व्यक्ति ईर्ष्या वश किसी दूसरे व्यक्ति को कोसता है अप शब्द बोलता है, जिस के लिए अप शब्द बोल रहा है, जिसकी अवमानना और तिरस्कार या जिसे नीचे दिखाने की कोशिश कर रहा है, उसका क्या होगा? इसकी बात मैं बाद में करूँगा; जिस के अन्दर ईर्ष्या है उस आदमी का तो हाल बेहाल है- क्योंकि दिया सदैव दूसरों के लिए जलाया जाता है पर पहले उसको स्वयं जलना पड़ता है।

 आप अपने मन से पूछो जब आपका चित्त प्रेम से भरा होता है तब ठीक रहते हो या जब आपके अन्दर ईर्ष्या या क्रोध के भाव रहते हैं तब आपका मन अच्छा रहता है। एक ही बात जानता हूँ आग जहाँ लगती है वहाँ जलाती ही है। ईर्ष्या एक आग है जो सबसे पहले उसे जलाती है जिसके अन्दर वो उत्पन्न होती है। उसे भस्म कर डालती है। जिसके लिए वो आग उत्पन्न हुई उस पर असर कर भी सकती है, नहीं भी कर सकती है। उस नकारात्मकता को आप यदि expect (चाहोगे) करोगे तो आप पर उसका असर पहले पड़ेगा। 

किसी से कितनी भी ईर्ष्या हो, आप जितना उसको महत्त्व देंगे, आपके ऊपर वो उतनी ही हावी होगी और जितना आप उसे ignore (दुर्लक्क्ष्य) करोगे उतना आप सुरक्षित रहेंगे। यदि आप अपने आपको सुरक्षित करना चाहते हो तो सामने वाले की बातों को नज़रअंदाज़ करो, समझ लो कि ये उसकी प्रकृति है। पहले उसे प्रेम देकर उसे सही रास्ते पर लाने का प्रयास करो और नहीं होता तो माध्यस्थ भाव रखो। “माध्यस्थ भावो विपरीत वृत्ती।”

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