समाधि के साधन क्या हैं?

150 150 admin
शंका

सामायिक पाठ में एक लाइन आती है-
तृण चौकी शिल शैल शिखर नहीं, आत्म समाधि के आसन।
संस्तर, पूजा, संघ-सम्मिलन, नहीं समाधि के साधन।
इसका हमें क्या अर्थ निकालना चाहिए? क्योंकि पहले तो ठंड में भी आचार्य या मुनिराज नदी किनारे या पर्वत के शिखरों पर साधना किया करते थे?

समाधान

तुम कहीं भी चले जाओ, चाहे एकांत वन में, समाधि होगी यह कोई ज़रूरी नहीं, समाधि तो आत्मा में डूबने से होगी। इसके कहने का यह मतलब है। बाहर के परिवर्तन से भीतर का परिवर्तन हो, यह कोई निश्चित नहीं है।

Share

Leave a Reply