श्रावक के बारह व्रत कौन से होते हैं?

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शंका

श्रावक के बारह व्रत कौन से होते हैं?

समाधान

पाँच अणुव्रत, तीन गुणव्रत, चार शिक्षा व्रत- यह पूरे के पूरे बारह व्रत हैं। मुख्य रुप से १२ व्रतों का पालन करने वाला व्रती श्रावक होता है। लेकिन, हमारे धर्म में व्रत को पालने के कई स्तर हैं। हर स्तर का व्यक्ति अपने अपने स्तर से व्रत पालन कर सकता है। 

अणुव्रत का मतलब होता है छोटा व्रत। मैं आपसे कहता हूँ, एक सामान्य व्यक्ति भी चाहे, तो इन बारह व्रतों का अनुपालन अपने हिसाब से कर सकता है। पाँच अणुव्रत में अहिँसाणुव्रत यानि संकल्पी हिंसा का त्याग, केवल आप मद्य-माँस-मधु का प्रतिज्ञा पूर्वक त्याग कर दें, चर्म निर्मित सामग्री के उपयोग का त्याग कर दें, तो आपका एक अहिंसाणुव्रत हो सकता है। 

इसी प्रकार सत्याणुव्रत में आप इतना कर लें कि ‘जहाँ मेरा काम सच से चल जाए वहाँ मैं झूठ नहीं बोलूंगा’, सत्याणुव्रत हो जाएगा। अचौर्याणुव्रत में स्थूल चोरी का त्याग कर दें। किसी की जेब नहीं काटेंगे, किसी का गढ़ा धन नहीं निकालेंगे, किसी की अमानत में खयानत नहीं करेंगे, किसी के यहा सेंध नहीं मारेंगे; यह जो स्थूल चोरियाँ हैं इनका भी त्याग कर दें, तो आपका यह अचौर्याणुव्रत व्रत हो गया। 

विवाह उपरान्त अपने पति और पत्नी के बीच ही सन्तुष्ट रहना सदारसन्तोष व्रत है। परिग्रह की एक स्थूल सीमा बना लें कि इससे अधिक मैं परिग्रह नहीं रखूँगा, तो यह आपके यह पाँच अणुव्रत हो गए। इसी के प्रकार तीन गुण व्रत और चार शिक्षा व्रत हैं। 

मैंने पहले इसके बारे में बताया, बारह व्रत का एक चार्ट भी मैंने बताया है जो इंटरनेट पर भी आप लोगों को उपलब्ध होगा, मुनि प्रमाण सागर डॉट नेट (https://munipramansagar.net/) से डाउनलोड कर सकते हैं, आप इसको देखें। इस तरह से व्याख्या उसमें की गई है; बारह व्रतों के पूरे पाँच-पाँच अतिचार रहित जीवन एक सामान्य व्यक्ति कैसे जी सकता है! आप उसका लाभ ले सकते हैं।

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