शंका
आज के युग में सम्यकदर्शन प्राप्त करने के उपाय!
समाधान
सम्यग्दर्शन की प्राप्ति के उपाय बताते हुये आचार्य कुन्दकुन्द ने कहा है कि “सम्यग्दर्शन का निमित्त जिनसूत्र है और उसके ज्ञाता पुरुष हैं और उसका अन्तरंग हेतु कर्म का क्षय उपशम है।” शास्त्र का स्वाध्याय अधिक से अधिक करो, उसका अध्ययन-अनुशीलन करो और शास्त्र के ज्ञाता गुरुओं का समागम करो! उनके सानिध्य में बैठकर अपने आत्मा के स्वरूप को पहचानने की कोशिश करो। संपर्क में आने के बाद अंदर की मोह ग्रन्थि खुलेगी और सही दृष्टि प्रकट होगी, वही सम्यकदर्शन है।
सम्यग्दर्शन के होते ही व्यक्ति का गुण स्थान चौथा हो जाता है। यदि आगे वह संयम ले ले तो समासयंम होने से पाँचवाँ और महाव्रती हो जाने पर छटा-सातवाँ!
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