मंदिरों और तीर्थ क्षेत्रों में आज कल अभिषेक के समय निश्चित कर दिए जाते हैं, ८ बजे या ७ बजे। यदि किसी ने अभिषेक का नियम ले रखा है और उसे उस टाइम में कोई समस्या आ जाती है, तो फिर उसके लिए क्या उपाय है?
यदि आपको अभिषेक करना है, तो टाइम मिलाकर ही जाना चाहिए। जैसे आप ट्रेन व प्लेन को समय पर पकड़ते हैं, पिक्चर जाना होता है, तो टाइम मिलाकर जाते हैं। ऐसे ही मन्दिर भी जाना हो तो टाइम मिलाकर जायें। ताकि आपके द्वारा संपादित अभिषेक, अभिषेक की क्रिया न होकर अभिषेक महोत्सव का रूप ले ले। किसी परिस्थिति वश यदि आप न पहुँच पाएँ तो उस दिन ऐसा करना चाहिए कि शुद्ध वस्त्र पहन कर भगवान का स्पर्श करके भगवान से क्षमा याचना करनी चाहिए और उस दिन एक णमोकार की माला फेर लेनी चाहिए, प्रायश्चित के रूप में किसी चीज का त्याग कर देना चाहिए, लेकिन मन्दिर की व्यवस्था को बिगाड़ने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
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