मकर सक्रांति पर पतंग उड़ाने से होने वाली जीव हत्या से ऐसे बचें!

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शंका

कुछ ही दिनों के पश्चात ही मकर सक्रांति आने वाली है जिसमें प्राय: लोग पतंग उड़ाते हैं। पतंग की डोर में बेजुबान पक्षी उलझ कर कटकर लहूलुहान होकर मर जाते हैं। जो चाइनीज मांझा आता है वह टूटता ही नहीं है, उससे कई पक्षियों एवं मनुष्यों तक की दुर्घटना एवं मौत तक हुई है।अहिंसा धर्म को मानने वाले जैन समाज एवं समस्त मानव समाज को आप कृपया मकर संक्रांति पर हृदय भाव के लिए आज अहिंसा के सन्दर्भ में उपदेश दीजिए?

समाधान

ये सभी युवा एक बड़े पुनीत कार्य में लगे हैं, ये घायल पक्षियों की सेवा करते हैं, इनकी संस्था का नाम ‘रक्षा’ है। इन्होंने बताया बहुत सारे पक्षी इनके पास आते हैं और प्रतिवर्ष लगभग १००० से अधिक पक्षी घायल होते हैं, जिनकी चिकित्सा ये लोग करते हैं। उनमें ज्यादातर को यह बचा लेते हैं, लेकिन कुछ को बचा नहीं पाते। 

इन पक्षियों की अकाल मौत का कारण है आपका शौक! आज के बच्चे पतंग उड़ाते हैं यद्यपि पतंग उड़ाने की परम्परा बहुत पुरानी है पर उस पतंग में उड़ते हुए पक्षी के पंख फंस जाते हैं जिसमें कबूतर सबसे ज़्यादा मरते हैं। इनके कथनानुसार कबूतर के अन्दर केवल १५ ml रक्त होता है, यदि वो रक्त निकल जाए तो उसे बचा पाना मुश्किल होता है। मोर, उल्लू, चील आदि अन्य अनेक प्राणियों को इन्होंने दिखाया। ये एक रूह कंपाने वाली बात है। उन्होंने कहा कि यदि आप पतंग उड़ाएं तो कम से कम ६ बजे से ८ बजे तक के बीच में पतंग न उड़ाएँ। सुबह और शाम के समय में जिस समय पक्षियों का ज़्यादा आवागमन होता है पतंग न उड़ाएँ और चाइनीज मांझे का बिल्कुल प्रयोग न करें, वो एकदम छील देती है, वो तार है। शुद्ध धागे का, सादे धागे का प्रयोग करें। तुम्हारा शौक किसी के प्राण हरण में कारण न बने, यह आप सबको ध्यान रखना है। इसकी जानकारी अपने बच्चों को दें कि तुम्हारे पतंग से फंसकर अगर किसी एक के भी प्राण जाते हैं तो तुम कितने पाप के भागीदार होते हो!

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