एक पर्याय से दूसरे पर्याय में जाने के बीच आत्मा किस अवस्था में होती है?

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शंका

एक पर्याय से दूसरे पर्याय में जाने के बीच आत्मा किस अवस्था में होती है?

समाधान

जब आत्मा शरीर को छोड़ती है और दूसरी पर्याय को ग्रहण करती है, तब उसके बीच का जो समय है वह बहुत अल्प है। कितना समय पता है- तीन समय! यह ‘तीन समय’ क्या है? जितनी देर में मैंने तीन समय कहा है, उतने में अनंत समय हो गया। समय काल की सूक्ष्मतम इकाई, शास्त्र के विधानानुसार समय का मान है कि-‘एक पुदगल परमाणु दूसरे परमाणु को मंद गति से CROSS करने में जो टाइम ले, उसका नाम समय’;  बहुत शॉर्ट टाइम है। 

बहुत थोड़े समय के लिए जीव शरीर  रहित रहता है। जितनी देर तक वह शरीर रहित होता है, उस गति को विग्रह गति कहते हैं। उस समय उसके आत्मा के प्रदेशों का आकार पूर्व के शरीर के आकार जैसा होता है। जिस शरीर को उसने छोड़ा, उस शरीर से आत्मा चली गयी,  आत्मा ने उस जैसे शरीर को धारण किया। कोई पाँच फीट का व्यक्ति है, उसने लेटी हुई अवस्था में उसने अपने शरीर को छोड़ा तो उस आकार में उसके पूरे के पूरे आत्मा के प्रदेश जाएंगे और उतने देर तक उसके आत्मा के शरीर उसी आकार में परिणत होंगे, बिना शरीर के; और जब वह जन्म स्थान पर पहुंच जाते हैं तो फिर नई प्रोसेस शुरू हो जाती।

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