प्रतियोगी परीक्षाओं में परिश्रमी छात्रों का भाग्य कई बार साथ नहीं देता!

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शंका

आजकल  हमें  हर  एक  चीज  में  आगे  जाने  के  लिए  Competitive  Exams (प्रतियोगी  परीक्षाएँ) देने  पड़ते  हैं  और  कुछ  बच्चे, , जिनके  पास  बहुत  knowledge (ज्ञान)  होती  है  और  जो  बहुत  hard-working (मेहनती)  होते  हैं, , उनका  भाग्य  बहुत  कम  साथ  देता  है।  लेकिन  कुछ  बच्चे, , जिनके  पास  बिल्कुल  knowledge (ज्ञान) नहीं  होता, , कभी-कभी  उनका  भाग्य  उनका  साथ  दे  देता  है।  हमें  अपने  luck (भाग्य)  को  strong (बेहतर)  करने  के  लिए  क्या  करना  चाहिए?

समाधान

मेरी  ये  अपनी  सोच  है, , Competitive  exam (प्रतियोगी  परीक्षाएँ) को  ही  अपने  career (आजीविका) का  आधार  मानना  भूल  है।  खासकर  तुम  जैसे  बच्चों  के  लिए;  इन्हें  शुरू  से  प्रतिस्पर्धी  बनाकर  के  बच्चों  के  दिमाग  पर  एक  बोझ  लाद  दिया  जाता  है।  अपने  बहुत  से  ऐसे  बच्चे  भी  देखे  होंगे  जो  Competition (प्रतिस्पर्धा)  में  टॉप  पर  आते  हैं, , पर व्यावहारिक  व्यावहारिक क्षेत्र  में  एकदम  पिछड़  जाते  हैं;  और  कुछ  बच्चे  होते  हैं  जो  Competition  में  भले  ही  पिछड़  जाएँएँ, , व्यावहारिक  क्षेत्र  में  नहीं  पिछड़ते  हैं।  तो  हमारा  उद्देश्य  कोर्स  कंप्लीट  करने  का  होना  चाहिए, , जो  हमने  पढ़ा  है  उस  पर  अधिकार  पाने  का  होना  चाहिए। प्रारम्भ  प्रारम्भ से  इस  तरह  के  Competetion  को  नहीं  देखना  चाहिए।

दूसरी  बात  जो  बड़े  हो  गए  हैं, , जिन्हे  प्रतियोगी  परीक्षाओं  के  माध्यम  से  आगे  मेडिकल  लाइन  में  जाना  है, , इंजीनियरिंग  लाइन  में  जाना  है, , या  प्रशासनिक  सेवाओं  में  जाना  है, , वे  लोग  प्रतियोगी  परीक्षाएँ  दें;  और  जिस  समय  उसकी  तैयारी  करें, , अपना  सेण्ट-परसेंट  उसमें  अर्पित  करें।  पर  सब  कुछ  झोंक  देने  के  बाद  अगर  नकारात्मक  रिजल्ट  मिले, , उसे  सहज  भाव  से  स्वीकार  करें, , हताश  न  हों;  और  यह  सोचे  कि-“चलो  मेरे  लिए  एक  दरवाजा  बंद  हुआ  दूसरा  खुलेगा, , दूसरा  बंद  हुआ  तीसरा  खुलेगा।”  जो  बच्चे  पूरी  ताकत  लगाकर  के  Competition  में  बैठते  हैं  और  select  नहीं  होते, , डिप्रेशन के  शिकार  हो  जाते  हैं।  क्योंकि  उन्होंने  उसी  को  अपना  career  मान  रखा  है।  ऐसा  नहीं  है!  बहुत  थोड़े  लोग, , 3००-4००  लोगों  का  ही  चयन  होता  है  प्रशासनिक  सेवा  में!  बैठते  कितने  हैं-  लाखों!  सब  मिला  के  8००-1०००  निकलते  होंगे।  तो  इसको  लेकर  के  बहुत ज़्यादा  ज़्यादा तनाव  चित्त  पर  हावी  नहीं  होना  चाहिए।

और  एक  बात!  तुम्हें  और  तुम्हारे  साथ  तुम  जैसे  सब  लोगों  को  मैं  कहना  चाहता  हूँ  –  परीक्षा  की  जिंदगी  में  पिछड़  जाओ, चिन्ता , चिन्ता की  कोई  बात  नहीं!  पर  जिंदगी  की  परीक्षा  में  कभी  मत  पिछड़ना!  तभी  सफल  होंगे।

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