तीर्थयात्रा पर डिस्पोजल का इस्तेमाल कितना उचित?

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शंका

आजकल लोग ग्रुप में तीर्थयात्रा करते हैं और बहुत अधिक मात्रा में डिस्पोजल का इस्तेमाल करते हैं और तीर्थों को गन्दा करते हैं। ऐसा करने से वहाँ की व्यवस्था कितनी ख़राब हो जाती है! महाराज श्री आप ऐसे लोगों को क्या मार्गदर्शन देना चाहेंगे?

समाधान

तीर्थों पर लोग बाराती बनकर जाते हैं, गाड़ी में बैठने से लेकर उतरने तक खाना-पीना ही चलता रहता है। कहने को रात्रि भोजन नहीं होता लेकिन जितना जो कुछ भी होता है वह भोजन से ज़्यादा ही हो जाता है, इस पर संयम रखना चाहिए। वस्तुतः इस प्रकार की मानसिकता के साथ तीर्थ यात्रा करने का आनन्द नहीं है। जब कभी भी तीर्थ यात्रा पर जाओ, वहाँ अधिक से अधिक समय भगवान की सेवा-पूजा में लगाओ। तीर्थ यात्रा के समय वहाँ विधान करो, पाठ करो, सामायिक करो, पूजा करो, जाप करो, अपनी शक्ति हो तो एकासन करो, जिससे इधर-उधर की बातें न हो।

डिस्पोजल (disposals) का प्रयोग कदापि नहीं करो, इससे घोर प्रदूषण फैलता है। इसकी जगह मिट्टी के बर्तनों का प्रयोग करो या फिर धातु के बर्तनों का प्रयोग करो। डिस्पोजल का प्रयोग करना ठीक बात नहीं है। आजकल लोग शॉर्ट कट अपनाते हैं। इस पर जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी रोक लगना चाहिए। कम से कम तीर्थ क्षेत्रों में तो ऐसी अपवित्र प्रदूषणकारी चीजों का प्रयोग नहीं होना चाहिए।

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