पूजा धुले द्रव्यों से करें या सूखे से?

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शंका

हमें पूजा धुले द्रव्यों से करनी चाहिए या सूखे द्रव्य से?

समाधान

मैं आप से ये कहता हूँ कि आप शुद्ध वस्त्र में हो या अशुद्ध वस्त्र में, भगवान की पूजा बिना धुले द्रव्य से मत करो बल्कि भगवान की वेदी में कोई भी वस्तु बिना धोये मत चढ़ाओ। आप एक बार किसी किराने वाले की दुकान में देख आओ, उनके अनाज में कितनी अशुद्धियाँ होती हैं। खेत से खलियान, खलियान से गोदाम और गोदाम से दुकान तक में, कई बार चूहे की लैंड़ी, जानवरों का मल-मूत्र; किसी में बकरी मुँह मारती है, किसी में गाय मुँह मारती है। वो सब अशुद्ध है। अनाज के बोरों पर बहुत लोगों की लातें भी लगती हैं, कहाँ-कहाँ पटका जाता है। भले ही आपको कुँए का शुद्ध जल न मिले फिर भी मैं आपसे कहता हूँ कि आप धोकर ही चढ़ाओ, बिना धोए न चढ़ाओ। सूखे चावल भी आपको धोकर चढ़ाना चाहिए, उन्हें सुखाकर तैयार रखें।

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