क्या सूतक-पातक या अशुद्धि के समय धार्मिक पत्र-पत्रिकाएं पढ़नी चाहिए?

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शंका

क्या सूतक-पातक या अशुद्धि के समय धार्मिक पत्र-पत्रिकाएं पढ़नी चाहिए?

समाधान

अशुद्धि के समय तो धार्मिक पत्र-पत्रिकाओं को छूना भी नहीं चाहिए। धार्मिक पत्र-पत्रिकाओं में धर्म ग्रंथों के बहुत सारे सन्दर्भ होते हैं, इसलिए उन्हें सूतक-पातक में भी नहीं छूना चाहिए।

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