शंका
सूर्योदय से पहले प्रक्षाल, अभिषेक और पूजा कहाँ तक उचित है?
समाधान
ये सर्वथा अनुचित है। पौं फटने से पूर्व मन्दिर में पूजन पाठ की क्रियाएँ प्रारम्भ नहीं करनी चाहिए। इससे पूर्व जो लोग मन्दिर पहुँचे सामायिक करें, पाठ आदि करें और अपनी प्रारम्भिक क्रियाएँ करें। भगवान का अभिषेक, अर्घ्य अर्पण आदि क्रियाएँ पौं फटने के बाद करें। जो हो रहा हैं वो सब जल्दबाजी में होता हैं। सब को दुकान भागने की पड़ी रहती है, ऐसा बिल्कुल न करें।
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